बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 संस्कृत बीए सेमेस्टर-1 संस्कृतसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 संस्कृत
प्रश्न- आचार्य पतञ्जलि का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर-
त्रिमुनियों में आचार्य पतञ्जलि को तीसरे स्थान पर रखा गया है। आचार्य पतञ्जलि को शेषनाग का अवतार माना जाता है। आप योगशास्त्र के प्रणेता होने के साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में भी विशेष स्थान रखते हैं। आचार्य पतञ्जलि का जीवन-परिचय इस प्रकार है -
1. आपका जीवनकाल 200 ई. पूर्व माना जाता है। आपका जन्म स्थान गोनर्द माना जाता है जो कि वर्तमान समय में गोंडा, उत्तर प्रदेश में है। एक कीथ ने उनका समय 140 से 150 ई पूर्व माना है।
2. आपकी माता का नाम गोणिका था। पतञ्जलि शुंग वंश के शासनकाल में थे।
3. व्याकरणाचार्य पाणिनि को इनका गुरु माना जाता है।
4. काशीवासी आज भी श्रावण कृष्ण 5 नागपंचमी को छोटे गुरु का, बड़े गुरू का नाग लो भाई नाग लो कहकर नाग के चित्र बाँटते हैं।
5. पतञ्जलि महान चिकित्सक थे। आपको ही 'चरक सहिता' का प्रणेता माना जाता है।
6. "योगसूत्र' पतञ्जलि का महान अवदान है। पतञ्जलि रसायन विद्या के विशिष्ट आचार्य थे -अभ्रक विंदास, अनेक धातुयोग और लौहशास्त्र इनकी देन है।
7. राजा भोज ने इन्हें तन के साथ मन का भी चिकित्सक कहा है।
8. द्रविड़ देश के सुकवि रामचन्द्र दीक्षित ने अपने 'पतञ्जलि चरित' नामक काव्य ग्रन्थ में उनके चरित्र के सम्बन्ध कुछ ऐसे तथ्यों की संभावनाओं को व्यक्त किया है। उनके अनुसार शंकराचार्य के दादागुरु आचार्य गौड़पाद पतञ्जलि के शिष्य थे।
9. पतञ्जलि की एक मात्र रचना महाभाष्य जो उनकी कीर्ति को अमर बनाने के लिए पर्याप्त है।
"योगेन चित्तस्य पदेन वाचां मलं शरीरस्य च वैद्यकेन।
योऽपाकरोन्तं प्रवरं मुनीनां पतञ्जलि प्रांजलिरानतोऽस्मि॥'
अर्थात् चित्त-शुद्धि के लिए योग (योगसूत्र), वाणी की शुद्धि के लिए व्याकरण (महाभाष्य) और शरीय-शुद्धि के लिए वैद्यकशास्त्र (चरकसंहिता) देने वाले मुनिश्रेष्ठ पतञ्जलि को प्रणाम।
प्राचीन विद्यारण्य स्वामी ने अपने ग्रंथ 'शंकर दिग्विजय' में आदि शंकराचार्य में गुरु गोविंद पादाचार्य को पतञ्जलि का रूपांतर माना है। इस प्रकार उनका सम्बन्ध अद्वैत वेदांत के साथ जुड़ गया।
पतञ्जलि एक प्रख्यात चिकित्सक और रसायन शास्त्र के आचार्य थे। रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अभ्रक, धातुयोग और लौहशास्त्र का परिचय कराने का श्रेय पतञ्जलि को जाता है।
पतञ्जलि को योगशास्त्र के जन्मदाता की उपाधि भी दी जाती है। जो हिन्दू धर्म के छह दर्शनों में से एक है। आपने योग के 165 सूत्रों को स्थापित किया। जो योग दर्शन के आधार स्तंभ है। इन सूत्रों के पढ़ने की क्रिया को भाष्य कहा जाता है। महर्षि पतञ्जलि ने अष्टांग योग की महत्ता का प्रतिपादन किया है। उनके नाम इस प्रकार हैं
1. यम
2. नियम
3. आसन
4. प्राणायाम
5. प्रत्याहार
6. धारणा
7. ध्यान
8. समाधि।
इन आठों अंगों के अपने-अपने उप अंग भी हैं। वर्तमान में योग के 3 ही अंग प्रचलित हैं।
1. आसन
2. प्रणायाम
3. ध्यान।
पतञ्जलि महाभाष्य (85 आहृनिक), महानन्द काव्य, सिद्धान्त सारावली, निदानसूत्र तथा योगसूत्र व चरकसंहिता के रचनाकार हैं।
पतञ्जलि ने महाभाष्य में ऋग्वेद की 21, यजुर्वेद की 101, सामवेद की 1000 तथा अथर्ववेद की 6 शाखायें बताई हैं। इसलिए आपको तीर्थदर्शी' कहा जाता है।
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- प्रश्न- भारतीय दर्शन एवं उसके भेद का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भूगोल एवं खगोल विषयों का अन्तः सम्बन्ध बताते हुए, इसके क्रमिक विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत का सभ्यता सम्बन्धी एक लम्बा इतिहास रहा है, इस सन्दर्भ में विज्ञान, गणित और चिकित्सा के क्षेत्र में प्राचीन भारत के महत्वपूर्ण योगदानों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित आचार्यों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - 1. कौटिल्य (चाणक्य), 2. आर्यभट्ट, 3. वाराहमिहिर, 4. ब्रह्मगुप्त, 5. कालिदास, 6. धन्वन्तरि, 7. भाष्कराचार्य।
- प्रश्न- ज्योतिष तथा वास्तु शास्त्र का संक्षिप्त परिचय देते हुए दोनों शास्त्रों के परस्पर सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'योग' के शाब्दिक अर्थ को स्पष्ट करते हुए, योग सम्बन्धी प्राचीन परिभाषाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'आयुर्वेद' पर एक विस्तृत निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- कौटिलीय अर्थशास्त्र लोक-व्यवहार, राजनीति तथा दण्ड-विधान सम्बन्धी ज्ञान का व्यावहारिक चित्रण है, स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय संगीत के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- मानचित्र कला के विकास में योगदान देने वाले प्राचीन भूगोलवेत्ताओं के नाम बताइये।
- प्रश्न- भूगोल एवं खगोल शब्दों का प्रयोग सर्वप्रथम कहाँ मिलता है?
- प्रश्न- ऋतुओं का सर्वप्रथम ज्ञान कहाँ से प्राप्त होता है?
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- प्रश्न- न्यूटन से कई शताब्दी पूर्व किसने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त बताया?
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- प्रश्न- गणित के त्रिकोणमिति (Trigonometry) के सिद्धान्त सूत्र को प्रतिपादित करने वाले प्रथम गणितज्ञ का नाम बताइये।
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- प्रश्न- 'ज्योतिष के स्वरूप का संक्षिप्त विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- वास्तुशास्त्र का ज्योतिष से क्या संबंध है?
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- प्रश्न- 'योगदर्शन' के प्रणेता कौन हैं? योगदर्शन के आधार ग्रन्थ का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- क्रियायोग' किसे कहते हैं?
- प्रश्न- 'अष्टाङ्ग योग' क्या है? संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- 'अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आयुर्वेद का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- आयुर्वेद के मौलिक सिद्धान्तों के नाम बताइये।
- प्रश्न- 'कौटिलीय अर्थशास्त्र' का सामान्य परिचय दीजिए।
- प्रश्न- काव्य क्या है? अर्थात् काव्य की परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- काव्य का ऐतिहासिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- संस्कृत व्याकरण का इतिहास क्या है?
- प्रश्न- संस्कृत शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई? एवं संस्कृत व्याकरण के ग्रन्थ और उनके रचनाकारों के नाम बताइये।
- प्रश्न- कालिदास की जन्मभूमि एवं निवास स्थान का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- महाकवि कालिदास की कृतियों का उल्लेख कर महाकाव्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि कालिदास की काव्य शैली पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कालिदास से पूर्वकाल में संस्कृत काव्य के विकास पर लेख लिखिए।
- प्रश्न- महाकवि कालिदास की काव्यगत विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महाकवि कालिदास के पश्चात् होने वाले संस्कृत काव्य के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महर्षि वाल्मीकि का संक्षिप्त परिचय देते हुए यह भी बताइये कि उन्होंने रामायण की रचना कब की थी?
- प्रश्न- क्या आप इस तथ्य से सहमत हैं कि माघ में उपमा का सौन्दर्य, अर्थगौरव का वैशिष्ट्य तथा पदलालित्य का चमत्कार विद्यमान है?
- प्रश्न- महर्षि वेदव्यास के सम्पूर्ण जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उनकी कृतियों के नाम बताइये।
- प्रश्न- आचार्य पाणिनि का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- आचार्य पाणिनि ने व्याकरण को किस प्रकार तथा क्यों व्यवस्थित किया?
- प्रश्न- आचार्य कात्यायन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- आचार्य पतञ्जलि का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- आदिकवि महर्षि बाल्मीकि विरचित आदि काव्य रामायण का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- श्री हर्ष की अलंकार छन्द योजना का निरूपण कर नैषधं विद्ध दोषधम् की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- महाभारत के रचयिता का संक्षिप्त परिचय देकर रचनाकाल बतलाइये।
- प्रश्न- महाकवि भारवि के व्यक्तित्व एवं कर्त्तव्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि हर्ष का परिचय लिखिए।
- प्रश्न- महाकवि भारवि की भाषा शैली अलंकार एवं छन्दों योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'भारवेर्थगौरवम्' की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रामायण के रचयिता कौन थे तथा उन्होंने इसकी रचना क्यों की?
- प्रश्न- रामायण का मुख्य रस क्या है?
- प्रश्न- वाल्मीकि रामायण में कितने काण्ड हैं? प्रत्येक काण्ड का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "रामायण एक आर्दश काव्य है।' इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- क्या महाभारत काव्य है?
- प्रश्न- महाभारत का मुख्य रस क्या है?
- प्रश्न- क्या महाभारत विश्वसाहित्य का विशालतम ग्रन्थ है?
- प्रश्न- 'वृहत्त्रयी' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारवि का 'आतपत्र भारवि' नाम क्यों पड़ा?
- प्रश्न- 'शठे शाठ्यं समाचरेत्' तथा 'आर्जवं कुटिलेषु न नीति:' भारवि के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'महाकवि माघ चित्रकाव्य लिखने में सिद्धहस्त थे' इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'महाकवि माघ भक्तकवि है' इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- श्री हर्ष कौन थे?
- प्रश्न- श्री हर्ष की रचनाओं का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'श्री हर्ष कवि से बढ़कर दार्शनिक थे।' इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- श्री हर्ष की 'परिहास-प्रियता' का एक उदाहरण दीजिये।
- प्रश्न- नैषध महाकाव्य में प्रमुख रस क्या है?
- प्रश्न- "श्री हर्ष वैदर्भी रीति के कवि हैं" इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'काश्यां मरणान्मुक्तिः' श्री हर्ष ने इस कथन का समर्थन किया है। उदाहरण देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- 'नैषध विद्वदौषधम्' यह कथन किससे सम्बध्य है तथा इस कथन की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'त्रिमुनि' किसे कहते हैं? संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- महाकवि भारवि का संक्षिप्त परिचय देते हुए उनकी काव्य प्रतिभा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारवि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किरातार्जुनीयम् महाकाव्य के प्रथम सर्ग का संक्षिप्त कथानक प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- 'भारवेरर्थगौरवम्' पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भारवि के महाकाव्य का नामोल्लेख करते हुए उसका अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- किरातार्जुनीयम् की कथावस्तु एवं चरित्र-चित्रण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- किरातार्जुनीयम् की रस योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि भवभूति का परिचय लिखिए।
- प्रश्न- महाकवि भवभूति की नाट्य-कला की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'वरं विरोधोऽपि समं महात्माभिः' सूक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित श्लोकों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए ।
- प्रश्न- कालिदास की जन्मभूमि एवं निवास स्थान का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- महाकवि कालिदास की कृतियों का उल्लेख कर महाकाव्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि कालिदास की काव्य शैली पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए कि कालिदास संस्कृत के श्रेष्ठतम कवि हैं।
- प्रश्न- उपमा अलंकार के लिए कौन सा कवि प्रसिद्ध है।
- प्रश्न- अपनी पाठ्य-पुस्तक में विद्यमान 'कुमारसम्भव' का कथासार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- कालिदास की भाषा की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- कालिदास की रसयोजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कालिदास की सौन्दर्य योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'उपमा कालिदासस्य' की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित श्लोकों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए -
- प्रश्न- महाकवि भर्तृहरि के जीवन-परिचय पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'नीतिशतक' में लोकव्यवहार की शिक्षा किस प्रकार दी गयी है? लिखिए।
- प्रश्न- महाकवि भर्तृहरि की कृतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भर्तृहरि ने कितने शतकों की रचना की? उनका वर्ण्य विषय क्या है?
- प्रश्न- महाकवि भर्तृहरि की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नीतिशतक का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- धीर पुरुष एवं छुद्र पुरुष के लिए भर्तृहरि ने किन उपमाओं का प्रयोग किया है। उनकी सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्या प्रशंसा सम्बन्धी नीतिशतकम् श्लोकों का उदाहरण देते हुए विद्या के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भर्तृहरि की काव्य रचना का प्रयोजन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भर्तृहरि के काव्य सौष्ठव पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- 'लघुसिद्धान्तकौमुदी' का विग्रह कर अर्थ बतलाइये।
- प्रश्न- 'संज्ञा प्रकरण किसे कहते हैं?
- प्रश्न- माहेश्वर सूत्र या अक्षरसाम्नाय लिखिये।
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- प्रश्न- सन्धि किसे कहते हैं?
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- प्रश्न- हल सन्धि किसे कहते हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित सूत्रों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित सूत्रों की व्याख्या कीजिए।